कब्ज को जड़ से इलाज | Constipation | Stomach Acid | Types Of Constipation | Extreme Constipation | Treatment
Root Cure For Constipation - कब्ज को जड़ से इलाज
1. कब्ज़ की समस्या क्या है और क्यों होती है?
अधिकतर लोगों को पेट ठीक से साफ नहीं होने की शिकायत रहती है। क्योंकि जब पेट साफ नहीं होता तो कई तरह की बीमारियां होने लग ती हैं. दरअसल जब रोगी को कब्ज होता है तो रोगी का मल बड़ी आं त तक पहुंचने से पहले ही कठोर हो जाता है और ये आंतों पर चिपक जाता है जो कठोर होने के कारण बाहर नहीं निकल पाता है. इसमें ब ड़ी आंत के संकुचन व विमोचन का कार्य भी धीमा हो जाता है. मल ब ड़ी आंत के पहले ही कठोर अवस्था में होकर जब रुकता है तो इससे गैस की भी समस्या पैदा होने लगती है. कुछ रोगियों को गैस की समस् या से दिल का दर्द भी होता है.
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लंबे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति को अनेक रोग हो हैं. कब्ज के का रण बवासीर या भगन्दर की बीमारी हो सकती है. बवासीर में गुदा न लिका में मस्से हो जाते हैं. रोगी को खूनी तथा बादी दोनों प्रकार हो स कता है इसलिए व्यक्ति को कब्ज का सही समय पर उचित उपचार कर ना चाहिए और उचित आहार-विहार का पालन करना चाहिए. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना, मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च- मसालेदार भोजन का सेवन करना, पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना, समय पर भोजन ना करना, रात में देर से भोज न करना, देर रात तक जागने की आदत, अधिक मात्रा में चाय, कॉफी 1, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना, भोजन पचे बिना ही दोबा रा भोजन करना, चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना, हार्मोन्स का असं तुलन या थायराइड की परेशानी होना, अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना.कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
दरअसल हमारे पेट में गैस बनाने का काम कैफीन करती है. यह पेट में मल को सख्त बना सकती है. अगर आप रोजाना चाय या कॉफी का सेवन करते हैं तो इनसे परेहज करें. गैस, कब्ज और एसिडिटी की सम स्या से बचने के लिए चाय, कॉफी के अधिक सेवन से परहेज करना चाहिए. इनका सेवन करने से पेट और छाती में जलन, पेट फूलना, पे ट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में कैफीन के सेवन को सीमित करें. इसके अलावा अगर आप चाय के साथ कुकीज का सेवन करते हैं तो आपको पेट की समस्याएं हो सकती हैं. कुकीज में फाइबर काफी कम मात्रा में होता है. अगर आप इनका अक्सर सेवन करते हैं तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है. ऐसे में इनके सेवन भी पर हेज करना चाहिए. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, एवं रेशेदार आहार का सेवन करें क् योंकि फाइबर युक्त आहार की कमी भी कब्ज का एक मुख्य कारण है. फलों में अंगूर, पपीता, खुबानी, अंजीर, अनानास एवं नाशपती का अधिक सेवन करें. ये फल कब्ज की समस्या में लाभदायक हैं. सब्जि यों में पत्तागोभी, गाजर, ब्रोकली और पालक आदि हरी पत्तेदार स " ब्जियों का सेवन करें. रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, और तरल पदार्थों का सेवन करें. गेहूं के आटे में पिसे हुए चने को मि लाकर खाएं. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
कब्ज की समस्या होने पर रोगी को भूख कम लगती है. इसका मुख्य कारण यह है कि पूर्व में खाया हुआ खाना ही जब पचता नहीं है तो पे ट हमेशा फूला हुआ रहता है और पेट में भारीपन रहता है. इसके अला वा मुंह से बदबू आना, सिरदर्द होना, मानसिक बैचेनी होना, थकान म |हसूस होने के अलावा अन्य कई दिक्कतें शुरू हो जाती है. यदि ये स भी लक्षण महसूस हों तो इसका इलाज करना बेहद जरूरी हो जाता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
एक शोध के अनुसार घी कब्ज को दूर करने में सक्षम है. घी में ब्यूटीरि क एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज को दूर करने में कारग र साबित हो सकता है. ब्यूटीरिक एसिड मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय को सही करता है. घी में ब्यूटीरिक एसिड पाया जाता है जो कब्ज को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है. सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं. इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा.कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
आयुर्वेद कहता है कि कब्ज में शहद बहुत फायदेमंद है. रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक ग्लास पानी के साथ मिलाकर पिएं. नियमित रूप इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है. रात में आजमाया जाने वाला एक और उपाय है हरड़ या त्रिफला के पावडर को पानी के साथ लेना. गुनगुने पानी में इसके नियमित सेवन से कब्ज के साथ ही पेट की अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी. इसके अलावा रात को सोने से पहले 6 से 7 मुनक्का खाएं. सर्दी के मौसम में कोशिश करें कि दिनभर में गुनगुना पानी पिएं. भोज न में काला नमक, आधा नींबू, सिका जीरा, हींग और सलाद की मात्रा बढ़ाएं. इससे कब्ज के साथ ही पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी दूर हो जाती हैं. पपीता भी बहुत फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन डी होता है. दिन में एक बार पपीते का सेवन कब्ज दूर करता है. पका हुआ अम रूद भी इतना ही फायदेमंद है. अंजीर भी कब्ज से निजात दिलाता है. अंजीर को रात में भीगो दें और सुबह खाली पेट खा लें. हफ्ते भर तक ऐसा किया जाए तो कब्ज में राहत मिलती है. इन घरेलू तरीकों को आजमाने के बाद भी राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें. लं बे समय तक कब्ज के साथ जीना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
कब्ज को दूर करने और पेट साफ करने में आप कीवी फल का सेवन करें. कीवी फल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो आपकी आंतों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं. पेट सा फ करने के लिए आप नाशपाती का सेवन भी कर सकते है. इसमें फा | इबर और सोर्बिटोल शामिल होते हैं. नाशपाती में पानी की मात्रा भी | अधिक होती है जो पाचन को आसान बनाने और कब्ज को रोकने में | मदद करती हैं. नाशपाती का छीलकर न खाएं बल्कि छिलके के साथ खाएं. अगर आप पाचन और कब्ज संबंधी समस्या से परेशान है तो आप फाइबर युक्त फलों में संतरे को खा सकते हैं. अमरूद खाकर ही आप अपने रोजाना फाइबर का टारगेट पूरा कर स कते हैं. जो आपके पाचन के लिए बेहद फायदेमंद है. यह कब्ज को दूर कर पेट में हो रहे ऐंठन को भी ठीक करता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि शुद्ध नारियल तेल के सेवन से क ब्ज की समस्या से निजात मिल सकता है. इसमें फैटी एसिड होता है. यह आंत में अभिक्रिया कर कब्ज की समस्या को दूर करता है. इसके लिए एक गिलास दूध में आधा चम्मच नारियल तेल को अच्छी तरह से मिलाकर सेवन करें. इससे कब्ज की समस्या से निजात मिलता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
2. कब्ज के कारण कौन सी बीमारी हो सकती हैं?
लंबे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति को अनेक रोग हो हैं. कब्ज के का रण बवासीर या भगन्दर की बीमारी हो सकती है. बवासीर में गुदा न लिका में मस्से हो जाते हैं. रोगी को खूनी तथा बादी दोनों प्रकार हो स कता है इसलिए व्यक्ति को कब्ज का सही समय पर उचित उपचार कर ना चाहिए और उचित आहार-विहार का पालन करना चाहिए. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
3. पेट मे कब्ज़ होने का क्या कारण होता है?
भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना, मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च- मसालेदार भोजन का सेवन करना, पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना, समय पर भोजन ना करना, रात में देर से भोज न करना, देर रात तक जागने की आदत, अधिक मात्रा में चाय, कॉफी 1, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना, भोजन पचे बिना ही दोबा रा भोजन करना, चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना, हार्मोन्स का असं तुलन या थायराइड की परेशानी होना, अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना.कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
4. कब्ज़ में चाय और कॉफी क्यों नही पीना चाहिए?
दरअसल हमारे पेट में गैस बनाने का काम कैफीन करती है. यह पेट में मल को सख्त बना सकती है. अगर आप रोजाना चाय या कॉफी का सेवन करते हैं तो इनसे परेहज करें. गैस, कब्ज और एसिडिटी की सम स्या से बचने के लिए चाय, कॉफी के अधिक सेवन से परहेज करना चाहिए. इनका सेवन करने से पेट और छाती में जलन, पेट फूलना, पे ट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में कैफीन के सेवन को सीमित करें. इसके अलावा अगर आप चाय के साथ कुकीज का सेवन करते हैं तो आपको पेट की समस्याएं हो सकती हैं. कुकीज में फाइबर काफी कम मात्रा में होता है. अगर आप इनका अक्सर सेवन करते हैं तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है. ऐसे में इनके सेवन भी पर हेज करना चाहिए. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
5. पेट मे कब्ज़ होने पर कैसा भोजन खाना चाहिए?
ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, एवं रेशेदार आहार का सेवन करें क् योंकि फाइबर युक्त आहार की कमी भी कब्ज का एक मुख्य कारण है. फलों में अंगूर, पपीता, खुबानी, अंजीर, अनानास एवं नाशपती का अधिक सेवन करें. ये फल कब्ज की समस्या में लाभदायक हैं. सब्जि यों में पत्तागोभी, गाजर, ब्रोकली और पालक आदि हरी पत्तेदार स " ब्जियों का सेवन करें. रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, और तरल पदार्थों का सेवन करें. गेहूं के आटे में पिसे हुए चने को मि लाकर खाएं. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
6. कब्ज़ के रोगी को क्या समस्या हो सकती है?
कब्ज की समस्या होने पर रोगी को भूख कम लगती है. इसका मुख्य कारण यह है कि पूर्व में खाया हुआ खाना ही जब पचता नहीं है तो पे ट हमेशा फूला हुआ रहता है और पेट में भारीपन रहता है. इसके अला वा मुंह से बदबू आना, सिरदर्द होना, मानसिक बैचेनी होना, थकान म |हसूस होने के अलावा अन्य कई दिक्कतें शुरू हो जाती है. यदि ये स भी लक्षण महसूस हों तो इसका इलाज करना बेहद जरूरी हो जाता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
7. कब्ज़ में देसी घी खाने से क्या होता है?
एक शोध के अनुसार घी कब्ज को दूर करने में सक्षम है. घी में ब्यूटीरि क एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज को दूर करने में कारग र साबित हो सकता है. ब्यूटीरिक एसिड मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय को सही करता है. घी में ब्यूटीरिक एसिड पाया जाता है जो कब्ज को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
8. कब्ज़ होने पर नींबू पानी पीने से क्या होता है?
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
9. कब्ज़ होने पर दही खाना लाभदायक क्यों होता है?
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है. सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं. इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा.कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
10. कब्ज़ को जड़ से कैसे खत्म कर सकते है?
आयुर्वेद कहता है कि कब्ज में शहद बहुत फायदेमंद है. रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक ग्लास पानी के साथ मिलाकर पिएं. नियमित रूप इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है. रात में आजमाया जाने वाला एक और उपाय है हरड़ या त्रिफला के पावडर को पानी के साथ लेना. गुनगुने पानी में इसके नियमित सेवन से कब्ज के साथ ही पेट की अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी. इसके अलावा रात को सोने से पहले 6 से 7 मुनक्का खाएं. सर्दी के मौसम में कोशिश करें कि दिनभर में गुनगुना पानी पिएं. भोज न में काला नमक, आधा नींबू, सिका जीरा, हींग और सलाद की मात्रा बढ़ाएं. इससे कब्ज के साथ ही पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी दूर हो जाती हैं. पपीता भी बहुत फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन डी होता है. दिन में एक बार पपीते का सेवन कब्ज दूर करता है. पका हुआ अम रूद भी इतना ही फायदेमंद है. अंजीर भी कब्ज से निजात दिलाता है. अंजीर को रात में भीगो दें और सुबह खाली पेट खा लें. हफ्ते भर तक ऐसा किया जाए तो कब्ज में राहत मिलती है. इन घरेलू तरीकों को आजमाने के बाद भी राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें. लं बे समय तक कब्ज के साथ जीना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
11. कब्ज़ होने पर कौन से फल खाने चाहिए?
कब्ज को दूर करने और पेट साफ करने में आप कीवी फल का सेवन करें. कीवी फल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो आपकी आंतों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं. पेट सा फ करने के लिए आप नाशपाती का सेवन भी कर सकते है. इसमें फा | इबर और सोर्बिटोल शामिल होते हैं. नाशपाती में पानी की मात्रा भी | अधिक होती है जो पाचन को आसान बनाने और कब्ज को रोकने में | मदद करती हैं. नाशपाती का छीलकर न खाएं बल्कि छिलके के साथ खाएं. अगर आप पाचन और कब्ज संबंधी समस्या से परेशान है तो आप फाइबर युक्त फलों में संतरे को खा सकते हैं. अमरूद खाकर ही आप अपने रोजाना फाइबर का टारगेट पूरा कर स कते हैं. जो आपके पाचन के लिए बेहद फायदेमंद है. यह कब्ज को दूर कर पेट में हो रहे ऐंठन को भी ठीक करता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
12. कब्ज़ के रोगी दूध के साथ नारियल तेल क्यों पीते है?
कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि शुद्ध नारियल तेल के सेवन से क ब्ज की समस्या से निजात मिल सकता है. इसमें फैटी एसिड होता है. यह आंत में अभिक्रिया कर कब्ज की समस्या को दूर करता है. इसके लिए एक गिलास दूध में आधा चम्मच नारियल तेल को अच्छी तरह से मिलाकर सेवन करें. इससे कब्ज की समस्या से निजात मिलता है. कब्ज को जड़ से इलाज | कब्ज की अंग्रेजी दवा | कब्ज के लक्षण | कब्ज की आयुर्वेदिक दवा | कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि | कब्ज के नुकसान | कब्ज | कब्ज का परमानेंट इलाज | पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा | पुरानी कब्ज के लक्षण
